ममता की उपस्थिति में होगी दीघा में ऐतिहासिक रथ यात्रा
कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की मिसाल पेश करने जा रही हैं। 26 जून को वे बंगाल के प्रमुख समुद्र तटीय शहर दीघा में भगवान श्रीजगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा में भाग लेंगी। इस ऐतिहासिक यात्रा में मुख्यमंत्री स्वयं रथ खींचेंगी और उससे पहले परंपरागत 'सोने की झाड़ूÓ से रथ मार्ग की सफाई भी करेंगी- जो कि शुद्धता, समर्पण और समानता का प्रतीक माना जाता है। पुरी (ओडिशा) की तर्ज पर दीघा में आयोजित हो रही यह रथ यात्रा बंगाल के धार्मिक और सांस्कृतिक मानचित्र पर एक नई पहचान बना रही है। इस आयोजन का नेतृत्व खुद मुख्यमंत्री कर रही हैं, जो बंगाल के कोने-कोने से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को दीघा की ओर आकर्षित कर रहा है।
प्रशासन और आयोजन समिति के अनुसार, यह पहला मौका होगा जब दीघा में इतने बड़े पैमाने पर रथ यात्रा का आयोजन हो रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं शामिल होकर मार्गदर्शन करेंगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 26 जून की दोपहर विशेष हेलीकॉप्टर से दीघा पहुंचेंगी। शाम को रथ यात्रा आरंभ होने से पहले वे मंदिर प्रांगण में विशेष पूजा करेंगी। तत्पश्चात, 'सोने की झाड़ूÓ से रथ मार्ग की सफाई करेंगी। यह कार्य उन्होंने पूर्व में पुरी की यात्रा के दौरान भी किया था और अब वे इसे बंगाल की भूमि पर दोहराने जा रही हैं।रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की प्रतिमाएं पारंपरिक रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण करेंगी, जिसे भक्तजन खींचेंगे। मुख्यमंत्री भी आम लोगों के साथ रथ की रस्सी थामेंगी, जो उनके जननेता स्वरूप को दर्शाता है। मुख्यमंत्री का दीघा दौरा 27 जून तक रहेगा। दूसरे दिन 'रथ पूजाÓ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेष वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान जगन्नाथ की आरती व महाभोग की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री इस विशेष पूजा में शामिल होंगी और श्रद्धालुओं को संबोधित भी करेंगी।साथ ही, दीघा समुद्र तट पर बंगाल की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने वाले विभिन्न लोक-नृत्य, संगीत व मेले का आयोजन किया गया है, जिसमें राज्य के कई जिलों से कलाकार भाग लेंगे। इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए राज्य प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण, स्वास्थ्य सेवाएं, पेयजल और यातायात प्रबंधन के विशेष इंतज़ाम किए हैं। जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग और पुलिस बल पूरी मुस्तैदी से कार्यरत हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस पहल को एक धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में उनकी छवि का सशक्त उदाहरण माना जा रहा है। चाहे ईद हो, क्रिसमस, गुरुपर्व या छठ-ममता बनर्जी हमेशा हर समुदाय के पर्वों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रही हैं। अब भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में भाग लेकर उन्होंने बंगाल की बहु-सांस्कृतिक विरासत को और मजबूत किया है। सीएम ममता का यह दौरा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह एक संदेश भी है- कि राजनीति और शासन तभी सार्थक होते हैं जब वे जनता की संस्कृति, आस्था और मूल्यों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। दीघा की यह रथ यात्रा इतिहास रचेगी और बंगाल के धार्मिक पर्यटन को एक नई ऊंचाई तक ले जायेगी।